वनडे-टी20 के स्टार गेंदबाज को दुनिया से छुपाना चाहते थे कोच शास्त्री, बताई इसके पीछे की कहानी

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नई दिल्ली. जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) आज तीनों फॉर्मेट वनडे, टी20 और टेस्ट में टीम इंडिया के अहम गेंदबाज हैं. लेकिन जब जसप्रीत 2013 में पहली बार आईपीएल में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की तरफ से खेलते नजर आए थे, तब बहुत कम लोगों को यह विश्वास था कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नाम कर पाएंगे. जिन कुछ लोगों ने उन पर यकीन किया, उनका भी यही मानना था कि बुमराह सीमित ओवर क्रिकेट में ही अच्छा कर पाएंगे. तब टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को छोड़कर कोई भी उन्हें टेस्ट का गेंदबाज नहीं मान रहा था.

शास्त्री को पक्का यकीन था कि बुमराह तीनों फॉर्मेट के गेंदबाज हैं. उन्हें बुमराह की काबिलियत पर इतना यकीन था कि उन्होंने कप्तान विराट कोहली और सेलेक्टर्स से यह साफ कह दिया था कि बुमराह को 2018 के दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले दुनिया के सामने ना लाएं.

2016 में ऑस्ट्रेलिया में अपना वनडे और टी20 डेब्यू करने के बाद बुमराह ने जल्दी ही खुद को भरोसेमंद तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित कर लिया. शास्त्री ने द गार्डियन को दिए इंटरव्यू में बुमराह के टेस्ट गेंदबाज बनने की कहानी बताई. उन्होंने कहा कि कोई यह नहीं मानता था कि बुमराह टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं. वह सफेद गेंद के गेंदबाज थे. लेकिन जब मैंने कोच के रूप में जिम्मेदारी संभाली, तो मैंने खुद से पूछा कि मैं विदेशों में 20 विकेट कैसे ले सकता हूं?. तभी मेरे दिमाग में बुमराह का नाम आया था.

बुमराह को जानबूझकर भारत में टेस्ट नहीं खेलने दिया: शास्त्री
शास्त्री ने आगे बताया कि मुझे पता था कि मुझे 4 तेज गेंदबाजों की जरूरत है. क्योंकि मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ काफी टेस्ट क्रिकेट खेली थी. इसकी शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में 2018 में हुई थी और हम उस शानदार सीरीज को 2-1 से हार गए थे. मैं केपटाउन में हुए पहले टेस्ट में ही बुमराह को सामने लाना चाहता था. मैंने दक्षिण अफ्रीका दौरा शुरू होने से पहले ही विराट कोहली और सेलेक्टर्स से बात की थी कि बुमराह को भारत में टेस्ट क्रिकेट नहीं खिलाओ. मैं नहीं चाहता था कि केपटाउन टेस्ट से पहले उसे टेस्ट क्रिकेट में दुनिया देखे. यह बात 3 साल पहले की है. उसके बाद से तो बुमराह ने 24 टेस्ट में 101 विकेट ले लिए हैं. जो वाकई शानदार है.

तब बुमराह ने केपटाउन टेस्ट में डेब्यू किया था और पहले ही मैच में अपनी काबिलियत साबित की थी. उस मैच में बुमराह ने जिस तरह एबी डिविलियर्स को अपनी अंदर आती गेंद से आउट किया था. उसने यह बात साबित कर दी थी, यह गेंदबाज लंबी रेस का घोड़ा है. उसके बाद से तो इस तेज गेंदबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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बुमराह ने इंग्लैंड में 100 टेस्ट विकेट पूरे
अपने 3 साल लंबे टेस्ट करियर में बुमराह ने शास्त्री की बात को सही साबित किया. हाल ही में इंग्लैंड में हुई टेस्ट सीरीज में भी वो भारत की तरफ से सबसे असरदार गेंदबाज साबित हुए थे. इसी सीरीज में वो सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले भारतीय तेज गेंदबाज बने. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज जीत में भी अहम भूमिका निभाई थी.

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