IND W vs AUS W : भारतीय महिला टीम पहली बार खेलेगी डे-नाइट टेस्ट, हरमनप्रीत चोट के कारण बाहर

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गोल्ड कोस्ट. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में मिली जीत के बाद आत्मविश्वास से ओत-प्रोत भारतीय महिला क्रिकेट टीम (IND W vs AUS W) अब गुरुवार से मेजबान के खिलाफ शुरू हो रहे डे-नाइट के अपने पहले टेस्ट में उसी लय को कायम रखना चाहेगी. तीसरा वनडे रविवार को खेला गया और सोमवार को विश्राम का दिन था तो मिताली राज (Mithali Raj) की टीम को इस टेस्ट की तैयारी के लिए 2 ही सत्र मिले. वनडे सीरीज में भारत को 1-2 से पराजय झेलनी पड़ी थी.

भारतीय टीम पहली बार गुलाबी गेंद से खेल रही है, लिहाजा खिलाड़ियों को जरा भी इसका आभास नहीं है कि चमकदार गुलाबी गेंद का क्या असर होगा. ऑस्ट्रेलिया ने डे-नाइट का एकमात्र टेस्ट नवंबर 2017 में खेला था. उसे भी अभ्यास का ज्यादा मौका नहीं मिल सका लेकिन मेट्रिकॉन स्टेडियम की हरी भरी पिच पर उसके तेज गेंदबाज कहर बरपा सकते हैं.

भारत ने 7 साल बाद पहला टेस्ट खेलते हुए जून में इंग्लैंड को ड्रॉ पर रोका था. खिलाड़ियों और विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि गुलाबी गेंद की चुनौती काफी कठिन होगी. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी टेस्ट 2006 में खेला था. दोनों टीमों की मौजूदा खिलाड़ियों में सिर्फ मिताली राज और झूलन गोस्वामी ही हैं जो वह टेस्ट खेल चुकी हैं. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया को मैच से पहले झटका लगा चूंकि उनकी उपकप्तान रशेल हैंस हैमस्ट्रिंग चोट के कारण बाहर हो गईं. कप्तान मेग लानिंग ने कहा कि टीम तेज गेंदबाजी हरुनमौला या विशेषज्ञ बल्लेबाज को उनकी जगह उतारेगी. वनडे में अच्छा प्रदर्शन करने वाली अन्नाबेल सदरलैंड को मौका मिल सकता है.

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हरमनप्रीत चोट के कारण बाहर
हरमनप्रीत कौर इस टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं बन पाएंगी. मिताली राज ने पुष्टि कर दी है कि हरमनप्रीत के अंगूठे की चोट पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई है. हरमनप्रीत ने हालांकि नेट अभ्यास किया. वनडे सीरीज में प्रभावी पदार्पण करने वालीं पेसर मेघना सिंह, बल्लेबाज यस्तिका भाटिया को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिल सकता है. अनुभवी झूलन, मेघना और पूजा वस्त्रकार तेज आक्रमण का जिम्मा संभालेंगी जबकि स्पिन गेंदबाजी का दारोमदार स्नेह राणा और दीप्ति शर्मा पर होगा. विकेटकीपर तानिया भाटिया की वापसी तय है जबकि वनडे सीरीज से बाहर रही पूनम राउत भी खेल सकती हैं.

‘भारतीय टीम की अग्नि-परीक्षा’
भारत की पूर्व कप्तान और बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की सदस्य शांता रंगास्वामी ने कहा, ‘मैं इसे भारतीय टीम की अग्नि-परीक्षा कहूंगी. खिलाड़ियों ने पिछले 3-4 साल में लाल गेंद से ही कम खेला है. डे-नाइट टेस्ट तो बिल्कुल ही अलग है और चुनौती काफी कठिन है. ऑस्ट्रेलिया के पास टेस्ट क्रिकेट का अनुभव अधिक है लेकिन उनके खिलाड़ियों ने भी हाल में अधिक मैच नहीं खेले हैं. भारत ने वनडे सीरीज में दिखा दिया है कि ऑस्ट्रेलिया को हराया जा सकता है.’

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