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नई दिल्ली. खेल हो या इतिहास, यह खुद को दोहराता जरूर है. केकेआर (KKR) का खेल और इतिहास ही देख लीजिए. आईपीएल 2020 (IPL 2020) में इस टीम ने आउट ऑफ फॉर्म होने पर अपना कप्तान ही बदल दिया था. इस बड़े और कड़े फैसले का शिकार दिनेश कार्तिक बने थे. कहते हैं ढाक के तीन पात. साल बदला, किस्मत नहीं. अब आईपीएल 2021 में केकेआर के कप्तान ऑयन मॉर्गन (Eoin Morgan) का प्रदर्शन इतना खराब है कि वे प्लेइंग XI में जगह के हकदार भी नहीं हैं. राहत की बात यह है कि केकेआर अब भी प्लेऑफ (IPL 2021 playoffs) की रेस में शामिल है. क्या बिना प्रेरक नेतृत्व के यह टीम आगे बढ़ पाएगी? क्या केकेआर (Kolkata Knight Riders) के लिए ऑयन मॉर्गन को रेस्ट देने का वक्त नहीं आ गया है? क्या यह ऑयन मॉर्गन के लिए समय रहते कप्तानी छोड़ने का वक्त नहीं है ताकि टीम के लिए मौके बन सकें? आखिर आईपीएल में गौतम गंभीर से लेकर कई कप्तान ऐसे रहे हैं जिन्होंने खराब प्रदर्शन पर खुद ही कप्तानी छोड़ दी. क्या मॉर्गन ऐसा करेंगे?
केकेआर यानी कोलकाता नाइटराइडर्स ने पिछले साल बीच सीजन में दिनेश कार्तिक को हटाकर ऑयन मॉर्गन को कप्तान बना दिया था. यही वो गलती है, जिसे केकेआर आज भी भुगत रही है. उसने विश्व विजेता कप्तान के ग्लैमर से चौंधियाकर आईपीएल के 10 साल पुराने प्रदर्शन को भुला दिया था. केकेआर मैनेजमेंट भूल गया था कि 2010 से आईपीएल खेल रहे मॉर्गन इस टी20 लीग के सबसे बड़े फ्लॉप में से एक हैं. केकेआर भूल गया था कि यह खिलाड़ी आईपीएल में 50 रन बनाने में भी हांफ जाता है. नाम बड़े और दर्शन छोटे. यह कहावत आईपीएल में मॉर्गन के लिए ही बनी है. मॉर्गन अब तक आईपीएल में 5 अलग-अलग टीमों के लिए कुल 78 मैच खेल चुके हैं और एक बार भी 70 रन का स्कोर नहीं छू सके हैं. (देखें टेबल).

Eoin Morgan
आज 3 अक्टूबर को केकेआर आईपीएल 2021 में सनराइजर्स हैदराबाद के सामने होगी. यह केकेआर का मौजूदा सीजन में 13वां और करो या मरो का मुकाबला है. हैदराबाद अब प्लेऑफ की रेस से बाहर है. इस कारण उस पर ऐसा कोई दबाव नहीं है, जो केकेआर या प्लेऑफ की रेस में शामिल अन्य टीमों पर है. यानी, खतरा केकेआर पर है. हैदराबाद के लिए खोने को कुछ नहीं है. केकेआर के लिए मौका बाकी है और उसे मॉर्गन के फॉर्म में लौटने का इंतजार किए बिना कड़ा फैसला लेना चाहिए.
अब यह बात राज नहीं है कि केकेआर की कमजोर कड़ी उसके कप्तान ऑयन मॉर्गन ही हैं. वे बल्ले से बुरी तरह नाकाम रहे हैं. वे आईपीएल 2021 में 12 मैच में 109 रन बना सके हैं. अगर कोई स्पेशलिस्ट बल्लेबाज ऐसा प्रदर्शन करेगा तो वह टीम पर बोझ ही कहलाएगा. बेहतर होगा कि केकेआर मॉर्गन को ससम्मान ‘रेस्ट’ देकर किसी दूसरे खिलाड़ी को मौका दे. आईपीएल के इतिहास में कम से कम 12 बार ऐसा हो चुका है, जब कप्तान को बीच में बदला गया है. केकेआर खुद ही ऐसा कर चुका है. और मॉर्गन कोई युवा खिलाड़ी भी नहीं, जिस पर टीम को लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना है. वे 35 साल के हो चुके हैं. बेहतर है कि केकेआर किसी युवा पर इन्वेस्ट करे.
ऑयन मॉर्गन के प्लेइंग XI चुनने के फैसले पर भी सवाल हैं. उन्होंने पंजाब किंग्स के खिलाफ जो प्लेइंग XI उतारी, उसमें सिर्फ 4 स्पेशलिस्ट बॉलर थे. पांचवें बॉलर की जिम्मेदारी दो बैटिंग ऑलराउंडरों वेंकटेश अय्यर और नीतीश राणा पर थोपी गई थी. मजेदार बात यह है कि प्लेइंग XI से एक विशेषज्ञ गेंदबाज को बाहर कर विकेटकीपर बल्लेबाज टिम साइफर्ट को शामिल कर लिया गया था. यह देखकर ही क्रिकेट का साधारण जानकार भी यह समझ गया था कि पंजाब की टीम अय्यर और राणा के ओवरों को टारगेट करेगी. यही हुआ भी.
शायद यह सही वक्त है केकेआर के लिए बड़ा फैसला लेने का. ऑयन मॉर्गन को ससम्मान रेस्ट देने का. मॉर्गन इंग्लैंड को विश्व कप जिता चुके हैं, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि वे आईपीएल में कभी भी सफल नहीं रहे. इस खिलाड़ी ने आईपीएल में 10 साल शिरकत कर ली है. इस दौरान उन्होंने 78 मैच खेले और सिर्फ 5 फिफ्टी जमा सके. यानी, मॉर्गन औसतन 15 मैच में एक फिफ्टी लगाते हैं. एक सीजन में 14 लीग मैच ही होते हैं. इस औसत से तो वे आईपीएल के दो सेशन में एक फिफ्टी लगाएंगे. अब यह केकेआर पर है कि वह लंबे इंतजार को चुनती है या समय रहते खुद फैसला लेती है.
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