उमरान की 150 किमी. प्रति घंटे वाली गेंदबाजी का राज है टेनिस गेंद, जानिए क्‍यों नहीं मिले ज्‍यादा मौके

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नई दिल्ली. कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंद फेंकने वाले कश्मीर युवा तेज गेंदबाज उमरान मलिक (Umran Malik) को स्‍टार खिलाड़ी परवेज रसूल ने लंबी रेस का घोड़ा बताया. इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले कश्‍मीर के इकलौते क्रिकेटर रसूल इस युवा प्रतिभा से काफी प्रभावित हैं. 21 साल के इस खिलाड़ी ने केकेआर के खिलाफ एक गेंद 151.03 किलोमीटर की रफ्तार से फेंकी. वो इस सत्र में सबसे तेज गेंद फेंकने वाले भारतीय गेंदबाज हैं.

सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आईपीएल के डेब्‍यू मैच में उनकी 24 में से 11 गेंदों की रफ्तार 145 किलोमीटर से अधिक थी. रसूल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. जब मैंने उन्‍हें नेट्स में खेला तो वह तेज थे. वो बहुत तीखे (तेज) थे, लेकिन यह एक अलग स्तर (आईपीएल में) पर था. सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि वह सचमुच तेज गति से बल्लेबाजों को चकमा दे रहे थे. इतने बड़े मंच पर उन्‍हें इस तरह से खेलते देखकर मुझे बहुत गर्व हुआ.

टेनिस गेंद है उमरान की गति का राज
रसूल से जब पूछा गया कि उमरान की शारीरिक बनावट ज्यादातर तेज गेंदबाजों की तरह मजबूत नहीं है तो ऐसे में वह यह गति कहां से हासिल करते है. इस पर रसूल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अपने शुरुआती वर्षों में उन्‍होंने कहीं औपचारिक कोचिंग ली है. वह जिला खेल परिषद के कोचिंग शिविर में शामिल होने से पहले 500 या हजार रुपये की फीस के साथ टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे. रसूल ने कहा कि अगर आप जसप्रीत बुमराह सहित हमारे कुछ बेहतरीन तेज गेंदबाजों को देखें, तो वे सभी टेनिस गेंद क्रिकेट उत्पाद रहे हैं. उन्‍होंने तर्क दिया कि टेनिस गेंद के हल्के वजन का मतलब है कि गति हासिल करने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता है. इस खिलाड़ी ने टेनिस गेंद से खेलकर ताकत और गति विकसित की.

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समद ने उमरान को नेट पर पहुंचाया
रसूल ने कहा कि उमरान से उनका परिचय अब्दुल समद (सनराइजर्स में उनकी टीम के साथी) के जरिये हुआ. उमरान उनके साथ जम्मू कश्मीर के नेट सत्र में हिस्सा लेते थे. उन्होंने कहा कि वह समद के बहुत करीब हैं. वह समद ही थे, जिसने उन्‍हें राज्य टीम के नेट पर पहुंचाया. मुझे लगता है कि जब वह अंडर -19 स्तर पर थे, तो उनके पास निरंतरता की कमी थी. शायद इसलिए उन्‍हें कूच बिहार या विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बहुत मौके नहीं मिले. रसूल को लगता है कि उमरान को पूरी तरह से तैयार होने के लिए अभी घरेलू क्रिकेट में बहुत अधिक मैच खेलने की जरूरत है.

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वह हालांकि किसी भी टीम के लिए एक खिलाड़ी बनने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि वह 150 की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं और अगर वह उस गति से लगातार स्विंग (इनस्विंग या आउटस्विंग) कर सकते हैं, तो बल्लेबाज उसे संभालने में सक्षम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि उन्‍होंने अब इस स्तर पर सिर्फ 3 मैच खेले हैं और एक बार रणजी ट्रॉफी खेलने के बाद वह और भी बेहतर हो जाएंगे.

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