[ad_1]
नई दिल्ली. महान पाकिस्तानी तेज गेंदबाज और पूर्व कप्तान वसीम अकरम (Wasim Akram) ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के प्रतिष्ठित मुख्य कोच का पद नहीं लेने के बारे में बात की. ‘जेंटलमेंस गेम’ के इतिहास में सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम अपने प्रतिष्ठित खेल करियर में गेंद को दोनों तरह से स्विंग करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे. अकरम ने 1992 के वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में पाकिस्तान की पहली विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ‘सुल्तान ऑफ स्विंग’ के नाम से मशहूर पाकिस्तानी स्पीड मर्चेंट ने ग्रीन आर्मी की कप्तानी भी की, जिसने 1999 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई.
वसीम अकरम ने पिछले कुछ वर्षों में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) फ्रेंचाइजी के साथ कोचिंग का आनंद लिया है. हालांकि, तेज गेंदबाजी के महान खिलाड़ी ने कभी भी पाकिस्तानी पुरुष राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद लेने की इच्छा व्यक्त नहीं की है. क्रिकेट पाकिस्तान के शो ‘क्रिकेट कॉर्नर’ पर बोलते हुए वसीम अकरम ने बताया कि वह पाकिस्तान में कोचिंग की भूमिका क्यों नहीं निभा पाएंगे. उन्होंने इंटरव्यू में कहा, ”जब आप कोच बनते हैं तो आपको साल में कम से कम 200 से 250 दिन टीम को देने की जरूरत होती है और यह काफी काम है. मुझे नहीं लगता कि मैं अपने परिवार से दूर पाकिस्तान से बाहर इतना काम संभाल सकता हूं. और वैसे भी मैं पीएसएल में अधिकांश खिलाड़ियों के साथ समय बिताता हूं, उन सभी के पास मेरा नंबर है और वे सलाह मांगते रहते हैं.”
हाल ही में रमीज राजा की अगुवाई वाले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने ऑस्ट्रेलिया के महान सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज वर्नन फिलेंडर को आईसीसी विश्व टी20 के लिए बाबर आजम की अगुवाई वाली पाकिस्तान टीम के कोच के रूप में शामिल किया था. हेडन और फिलेंडर को मुख्य कोच मिस्बाह-उल-हक और गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने आश्चर्यजनक रूप से विश्व कप की शुरुआत से पहले अपनी-अपनी भूमिकाओं से हट जाने के बाद नियुक्त किया गया.
धोनी-युवराज समेत 15 क्रिकेटर कर चुके हैं फिल्मों में काम, कोई हीरो तो कोई बना विलेन
वसीम अकरम ने कहा, ”मैं बेवकूफ नहीं हूं. मैं सोशल मीडिया पर सुनता और देखता रहता हूं कि कैसे लोग अपने कोचों और सीनियर्स के साथ बदतमीजी करते हैं. कोच वह नहीं है, जो खेल रहा है. खिलाड़ी हैं, जो खेल रहे हैं. कोच केवल योजना बनाने में मदद कर सकता हैं. इसलिए, अगर टीम हार जाती है तो मुझे नहीं लगता कि कोच उतना जिम्मेदार या जवाबदेह है, जितना हम उसे एक राष्ट्र के रूप में रखते हैं.”
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
[ad_2]
Source link