T20 WC: भारत की रणनीति पर भड़के वीरेंद्र सहवाग, 2007 वर्ल्ड कप की गलती दिलाई याद

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नई दिल्ली. आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2021 के अपने अभियान (ICC T20 World Cup 2021) के पहले दो मैच हारने के बाद टीम इंडिया (Team India) को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विराट कोहली एंड कंपनी टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है, क्योंकि इस समय उनके सेमीफाइनल में पहुंचने की संभावना बहुत कम है. भारत अपना पहला मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 10 विकेट से हार गया. यह पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी विश्व कप इवेंट में उनकी पहली हार थी. दूसरे मैच में, भारत ने बल्लेबाजी क्रम में कुछ बड़े बदलाव किए, क्योंकि सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को पहले से पीठ में ऐंठन की शिकायत थी. सूर्यकुमार यादव को ईशान किशन (Ishan Kishan) की जगह प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया.

ईशान किशन ने केएल राहुल (KL Rahul) के साथ पारी की शुरुआत की, जिसने बल्लेबाजी क्रम में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को डिमोट कर दिया. भारत के लिए यह कदम बुरी तरह विफल रहा, क्योंकि वे 20 ओवरों में सिर्फ 110/7 तक ही सीमित थे. ‘मेन इन ब्लू’ यह मैच 8 विकेट से हार गया. अनुभवी भारत के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने रोहित को नंबर 3 पर भेजने के भारत के फैसले की आलोचना की और इसकी तुलना 2007 के वनडे वर्ल्ड कप के दौरान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से की.

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भारत ने 2007 वर्ल्ड कप के दौरान दो गलतियां की थीं
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि भारतीय टीम ने 2007 वर्ल्ड कप के दौरान दो गलतियां की थीं. पहली तब थी जब तत्कालीन मुख्य कोच ग्रेग चैपल ने कहा था कि हमें बैटिंग प्रैक्टिस की जरूरत है. सहवाग ने क्रिकबज से कहा, ”हम रनों का पीछा कर लगातार 17 मैच जीतने में सफल रहे, लेकिन जब वर्ल्ड कप आया तो हमारे कोच ने कहा कि बैटिंग प्रैक्टिस करनी है. इसपर मैंने कहा था कि पहले हम 2 मैच जीत लेते हैं सुधार के लिए बाकी के 6 मैच बचेंगे. लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया.”

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सचिन तेंदुलकर को मिडिल ऑर्डर में भेजना थी बड़ी गलती
महान बल्लेबाज ने भारत द्वारा की गई दूसरी गलती के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि मध्य क्रम में सचिन तेंदुलकर को डिमोट करना उनके पक्ष में काम नहीं किया था. उन्होंने कहा, ”दूसरी गलती यह थी कि जब सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की ओपनिंग जोड़ी इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, उससे पहले 2003-06 से सहवाग और सचिन की ओपनिंग पार्टनरशिप भी अच्छी तरह से चल रही थी, तो उन्हें क्यों तोड़ा गया? ऐसा क्यों कहा गया कि अगर सचिन तेंदुलकर मध्यक्रम में खेलते हैं तो वह मध्यक्रम को नियंत्रित कर सकते हैं. आपके पास नियंत्रण करने के लिए पहले से ही तीन खिलाड़ी थे- युवराज सिंह, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी. तो आपको मध्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए चौथे खिलाड़ी की जरूरत क्यों पड़ी.”

उन्होंने आगे कहा, ”जब टीमें खराब खेलती हैं, तो आप अपनी रणनीति बदलते हैं और इसलिए वे खराब खेलते हैं. लेकिन जो अच्छे हैं और आप उन्हें जबरदस्ती बदल देते हैं, तब परफॉर्मेंस और नीचे चला जाता है.”

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