मोहम्मद शमी: डिप्रेशन को हराकर बने चैम्पियन गेंदबाज, जानिए कैसे रवि शास्त्री की एक सलाह से पलटा करियर

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नई दिल्ली. मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने सेंचुरियन टेस्ट (Centurion Test) के तीसरे दिन 16 ओवर में 44 रन देकर 5 विकेट झटके. उनकी धारदार गेंदबाजी की बदौलत ही भारत ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को 197 रन पर समेटते हुए पहली पारी में 130 रन की बढ़त हासिल की. इस दौरान शमी टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट लेने वाले भारत के ओवरऑल 11वें और 5वें तेज गेंदबाज बने. उनसे पहले कपिल देव (Kapil Dev), इशांत शर्मा, जहीर खान और जवागल श्रीनाथ बतौर तेज गेंदबाज यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. शमी ने कैगिसो रबाडा को आउट करते ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट पूरे किए. उन्होंने अपने 55वें टेस्ट और 9896 गेंद में यह पड़ाव पूरा किया.

मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) बीते कुछ सालों में टेस्ट में भारत के नंबर-1 स्ट्राइक गेंदबाज के रूप में उभरे हैं. हालांकि, उनके लिए यह आसान नहीं रहा. सहसपुर से भारतीय ड्रेसिंग रूम तक की उनकी यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए. कभी चोट, कभी खराब फॉर्म और कभी निजी जिंदगी ने उनके करियर को बेपटरी किया. लेकिन यह उनका जुनून ही था कि हर परेशानी से पार पाते हुए वो दोबारा मैदान पर लौटे और पहले के मुकाबले ज्यादा सफल रहे. शमी के करियर में एक दौर ऐसा भी आया है, जब निजी जिंदगी में मची उथल-पुथल के कारण उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था. तब रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण (Bharat Arun) इस गेंदबाज के संकटमोचक बनकर आए और क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में सोच रहे शमी का मन पूरी तरह से बदल दिया.

शमी ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था
द इंडियन एक्सप्रेस को पहले दिए एक इंटरव्यू में भरत अरुण ने खुलासा किया था कि कैसे शमी ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था. तब अरुण ने कहा था, “शमी का पूरी तरह से मोहभंग हो गया था. वह खेल छोड़ने की कगार पर था. जब रवि और मैं शमी के साथ बैठे तो उसने कहा था कि वह जिंदगी से बेहद नाराज है और क्रिकेट छोड़ना चाहता है. हम दोनों ने उससे कहा, यह अच्छा है कि तुम नाराज हो. ऐसा होना भी चाहिए. गुस्सा होना सबसे अच्छी बात है, जो आपके साथ हुई है. तब शमी हमारी बात सुनकर हैरान हो गया था.” शायद यह सोच रहा था कि यह लोग क्या बोल रहे हैं?

हमने शमी से कहा, “तुम तेज गेंदबाज हो, तुम्हारे लिए गुस्सा बुरा नहीं है. लेकिन कड़वाहट दूर करो. जिंदगी ने तुम्हें बहुत गुस्सैल बना दिया है, लेकिन अब तुम क्या करने वाले हो यह तुम्हारे हाथ में है? चाहो तो क्रिकेट छोड़ सकते हो, यह तुम्हारा फैसला होगा. लेकिन एक विकल्प यह भी है कि तुम खुद से कहो कि हां, मैं गुस्सा हूं और इस गुस्से को कैसे सही दिशा दी जा सकती है, इस बारे में सोचो.”

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अरुण के मुताबिक, “तब हमने शमी से कहा था कि आप शरीर पर ध्यान दो. एक महीने के लिए नेशनल क्रिकेट एकेडमी जाओ और बॉडी को शेप में लाओ. वहां गुस्सा निकालो. जैसा कहा जाए, बस वैसा करते जाओ. शमी हमारी बात मान गया और एक बैल की तरह जी तोड़ मेहनत की. मुझे याद है कि एक महीने बाद शमी ने मुझसे कहा था कि मेरी ताकत इतनी बढ़ गई कि मैं अब दुनिया से लड़ सकता हूं.

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शमी मजबूत कद काठी के हैं और गुस्से के उस दौर ने उन्हें बेहतर गेंदबाज बनने में मदद की. उनके अंदर जितना भी गुस्सा भरा था, उन्होंने उसे बेहतर गेंदबाज बनने की तरफ मोड़ दिया. उनका गुस्सा सही दिशा में लगा और बतौर गेंदबाज उनकी सोच में बड़ा बदलाव आया और फोकस पहले के मुकाबले बढ़ गया और यहीं से उनके एक सफल तेज गेंदबाज बनने की दोबारा शुरुआत हुई.

Tags: Bharat Arun, Cricket news, India vs South Africa, Mohammad Shami, Ravi shastri

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