IND vs SA: शार्दुल ठाकुर और आर अश्विन की जोहानिसबर्ग टेस्ट से होगी छुट्टी ! जानिए किसे मिल सकता है मौका

0
60

[ad_1]

नई दिल्ली. भारत ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को सेंचुरियन टेस्ट में हराकर 3 टेस्ट की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है. अब उसके पास जोहानिसबर्ग में जीत दर्ज कर 29 साल का सूखा खत्म करने का मौका है. कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की नजर इसी पर होगी. वैसे, कोहली विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ छेड़छाड़ कम ही करते हैं. लेकिन जोहानिसबर्ग की कंडीशन और पिच को देखते हुए प्लेइंग-11 में 2 बड़े बदलाव कर सकते हैं. शार्दुल ठाकुर की जगह टीम में तेज गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadav) की शामिल किया जा सकता है. वहीं, आर अश्विन की जगह भारत जोहानिसबर्ग टेस्ट में अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतर सकता है. अगर ऐसा होता है तो हनुमा विहारी टीम में नजर आएंगे.

विराट कोहली (Virat Kohli) विदेश में जब भी टेस्ट की प्लेइंग-11 चुनते हैं तो वो पांचवें गेंदबाज के रूप में बॉलिंग ऑलराउंडर को मौका देना पसंद करते हैं. इससे टीम का संतुलन ठीक रहता है. इसी वजह से शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) को प्लेइंग-11 में जगह मिल जाती है. हालांकि, वांडरर्स के विकेट पर घास नजर आ रही है और इसका फायदा उठाने के लिए विराट कोहली विनिंग कॉम्बिनेशन में बदलाव के लिए जा सकते हैं.

क्यों उमेश को शार्दुल पर मिल सकती है तरजीह ?
जोहानिसबर्ग में बीते कुछ दिनों में बारिश हुई है और पिच पर घास भी है. हवा में मौजूद नमी से सीम गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगी. ऐसे में उमेश यादव की स्विंग गेंदबाजी इस कंडीशन में टीम इंडिया के काम आ सकती है. शार्दुल ठाकुर सेंचुरियन टेस्ट में गेंद और बल्ले से बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाए थे. उन्होंने 14 रन बनाने के साथ 16 ओवर गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 2 विकेट लिए थे.

उमेश 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी कर सकते हैं. उनकी फुल लेंथ गेंद जोहानिसबर्ग की विकेट पर ज्यादा असर डाल सकती है. इसी वजह से उमेश के चुने जाने का दावा ज्यादा मजबूत है. चौथे तेज गेंदबाज के रूप में उमेश की मौजूदगी टीम की ताकत बढ़ाएगी.

उमेश की रफ्तार और लेंथ जोहानिसबर्ग के लिए मुफीद
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व वीडियो एनालिस्ट प्रसन्ना अगोराम ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “न्यूलैंड्स और सेंचुरियन की पिच से शॉर्ट लेंथ गेंदबाजी करने वाले दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को काफी मदद मिलती है. जबकि जोहानिसबर्ग में गेंदबाज को अपनी लेंथ फुल रखनी पड़ती है. इसी वजह से भारत को इस मैदान पर सफलता मिली है. उमेश जिस लेंथ और रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, वो वांडरर्स के लिए आदर्श है. अगर उन्हें जोहानिसबर्ग में मौका नहीं मिलता है तो मुझे हैरानी होगी.”

IND vs SA: ‘ताने सुनता रहा कि करियर खत्म हो गया’, आर अश्विन का वनडे टीम में वापसी पर फूटा दर्द

विराट कोहली ने अनुष्का शर्मा और टीम इंडिया के साथ मनाया नए साल का जश्न, देखें तस्वीरें

अश्विन की जगह विहारी को मौका मिल सकता है
अब अगला सवाल यह है कि क्या भारत वांडरर्स में स्पिनर के साथ उतरेगा. आर अश्विन को सेंचुरियन टेस्ट में मौका दिया गया था. हालांकि, पिच में स्पिन गेंदबाजों के लिए कुछ नही था. अश्विन ने सेंचुरियन टेस्ट की दूसरी पारी में आखिरी 2 बल्लेबाजों को आउट किया था. लेकिन पहली पारी में उन्होंने 13 ओवर फेंके और उन्हें एक भी सफलता नहीं मिली. जोहानिसबर्ग में भी पिच का मिजाज सेंचुरियन जैसा ही रहने वाला है.

2018 में भी 4 सीम गेंदबाज खेले थे
2018 में भारत 4 सीम गेंदबाजों के साथ जोहानिसबर्ग टेस्ट में उतरा था और पांचवें गेंदबाज की भूमिका  हार्दिक पंड्या ने निभाई थी. तब भारत 63 रन से टेस्ट जीता था. वहीं, 2013 में अश्विन जोहानिसबर्ग टेस्ट में खेले थे. लेकिन 42 ओवर गेंदबाजी के बावजूद उन्हें एक भी सफलता नहीं मिली थी. इस बार भी वांडरर्स की पिच पर घास है और टेस्ट के दौरान बारिश की भी आशंका है. ऐसे में अश्विन के खेलने की उम्मीद कमजोर है. अगर वो नहीं खेलते हैं तो अतिरिक्त बल्लेबाज के रूप में हनुमा विहारी को मौका मिल सकत है.

Tags: Cricket news, Hanuma vihari, India vs South Africa, R ashwin, Shardul thakur, Umesh yadav

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here