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कोलकाता. पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि उनका कोविड-19 के लिये किया गया परीक्षण पॉजिटिव आया है. पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री शुक्ला ने कहा कि वह घर पर ही पृथकवास पर हैं. बंगाल रणजी टीम के पूर्व कप्तान शुक्ला ने पीटीआई से कहा, “मुझे कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया गया है और मैं घर पर ही पृथकवास पर हूं. मुझे तेज बुखार है और चिकित्सकों की सलाह का अनुसरण कर रहा हूं. मेरे परिवार के अन्य सदस्य स्वस्थ हैं. इससे पहले, बंगाल टीम के 7 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
लक्ष्मी रतन शुक्ला पश्चिम बंगाल सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन पिछले साल क्रिकेट पर फोकस करने के इरादे से उन्होंने मंत्री पद के अलावा तृणमूल कांग्रेस हावड़ा (सदर) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बंगाल के इस पूर्व कप्तान ने साल 2016 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए सभी प्रकार के क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उन्हें पिछले साल बंगाल की अंडर-23 टीम का कोच बनाया गया था. शुक्ला कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से आईपीएल खेल चुके हैं.
भारत के लिए 3 वनडे खेले हैं
लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भारत के लिए 3 वनडे खेले हैं. उन्होंने बंगाल के लिए 1997-98 में महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था. अपने ऑलराउंड खेल के दम पर जल्द ही उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम में भी जगह बना ली और वो 1998 में हुए अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली टीम में भी शामिल रहे थे. अंडर-19 वर्ल्ड कप से वापसी के बाद उन्होंने बंगाल के लिए पारी की शुरुआत करते हुए दिल्ली के खिलाफ विल्स ट्रॉफी के सेमीफाइनल में मैच जिताने वाली शतकीय पारी खेली थी. इस पारी के बाद सेलेक्टर्स की उन पर नजर पड़ी थी. साल 2000 में वो नेशनल क्रिकेट एकेडमी में एक ट्रेनी के तौर पर चुने गए.
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श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया था
उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 1999 में नागपुर में वनडे डेब्यू किया. हालांकि, उनका डेब्यू अच्छा नहीं रहा और उन्होंने 4 ओवर में ही 32 रन लुटा दिए थे. अगले मैच में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ जरूर अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन इसके बाद सेलेक्टर्स ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया और उन्होंने सितंबर 1999 में अपना आखिरी वनडे खेला. इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू कर दिया और जल्द ही वो बंगाल के कप्तान बन गए. उन्होंने 137 फर्स्ट क्लास मैच में 6217 रन बनाए. उनके नाम 9 शतक और 37 अर्धशतक हैं. इसके अलावा 172 विकेट भी लिए थे.
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