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नई दिल्ली. साउथ अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर (Dean Elgar) ने दूसरे टेस्ट मैच में भारत से अकेले ही जीत छीन ली थी. भारत (India vs South Africa) ने मेजबान को 240 रन का लक्ष्य दिया था. जिसे साउथ अफ्रीका ने 3 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया और 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली. लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी कप्तान एल्गर क्रीज पर टिके रहे और नाबाद 96 रन बनाए. एल्गर ने चौथे दिन के खेल से पहले रात में अपने पिता को कह दिया था कि वो अगले दिन के आखिर तक क्रीज पर टिके रहेंगे और भारत को उन्हें आउट करने के लिए उनके शरीर में कुछ तोड़ना होगा.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार डीन एल्गर के पिता रिचर्ड एल्गर के अनुसार डीन बचपन से ही ऐसे हैं. उन्होंने बताया कि जब उनका बेटा 5 साल का था तो वह अपने से छह साल बड़े दोस्त के भाई के साथ क्रिकेट खेल रहा था. दो सीनियर लड़के डीन को तेज गेंदबाजी कर रहे थे और 5 साल के डीन ने अपने पिता की तरफ देखा और कहा कि चिंता मत करो डैड. वे मुझे आउट नहीं करेंगे. डीन एल्गर के पिता ने बताया कि उनका बेटा बहुत जिद्दी था. अगर वो आउट हो जाता तो वह एक बार और बल्लेबाजी करना चाहेगा, क्योंकि वह उनसे बहुत छोटा था.
प्रिंसिपल को नहीं हुआ विश्वास
रिचर्ड ने बताया कि अगर किसी चीज पर डीन ने फैसला कर लिया है तो उनका मन बदलता नहीं है. उन्होंने इसका एक किस्सा भी बताया. पेशेवर क्रिकेट खेलने का सपना डीन का बचपन से ही था. प्राइमरी स्कूल के समय डीन अक्सर कहते थे कि वह जिंदगी भर खेल खेलने जा रहे थे. वो ऐसा सिर्फ अपने पिता से ही नहीं, बल्कि टीचर्स से भी कहते थे.
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एक दिन स्कूल की प्रिंसिपल ने डीन को यह कहने के लिए बुलाया कि वो क्लासवर्क और पढ़ाई पर और मेहनत करें. इतना सुनते ही साउथ अफ्रीका के इस खिलाड़ी ने बचपन में ही अपनी प्रिंसिपल को करारा जवाब दे दिया था. प्रिंसिपल की बात सुनते ही तुरंत कह दिया था कि मैं यहां क्रिकेट खेलने के लिए हूं. स्कूल प्रिंसिपल को भी भरोसा नहीं हुआ कि उन्होंने क्या सुना. उन्होंने डीन के पिता को इसके बारे में सालों बाद बताया था.
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